परिणाम
यह पाठ मनुष्य के जीवन में विशेष परिस्थिति में किया जाता है जैसे शत्रु पर विजय, मनोवांछित फल नौकरी की प्राप्ति, नौकरी में प्रमोशन, व्यापार में वृद्धि, परिवार में कलह क्लेश से मुक्ति एवं कर्जा मुक्ति आदि विभिन्न प्रकार की परेशानियों से मुक्ति आदि पाने के लिए कराया जाता है
सत का अर्थ है सौ,और शक्ति के प्रचण्ड रूप को चण्डी कहते हैं शक्ति के अनेक रूप है जिनमे माँ दुर्गा मुख्य है माँ दुर्गा के अनुष्ठान यज्ञ पूजा आदि को शत चण्डी पूजा कहा है यह एक विशिष्ट और अत्यंत शक्तिशाली अनुष्ठान है जो सप्तशती मंत्रों का आह्वान करता है । यह () पूजा एक दुर्लभ, अद्वितीय और विस्तृत अनुष्ठान है और इसे करने से देवी जगदंबा माँ दुर्गा को प्रसन्न किया जाता है और माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।देवी महात्म्य में चंडी, चंडिका, अंबिका और दुर्गा का समानार्थक रूप से प्रयोग किया गया है जिसे चण्डी कहा जाता है
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